डेली संवाद, मुंबई। NEET- UG Controversy: मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET के दौरान पाई गई गड़बड़ी को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे है। बिहार के अलावा महाराष्ट्र में भी पुलिस ने पेपर लीक मामले में दो शिक्षकों से पूछताछ की है।
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वहीं, नीट-यूजी मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों की आज बिहार के पटना स्थित एलएनजेपी अस्पताल में मेडिकल जांच की गई। बिहार पुलिस ने आरोपियों को 21 जून को झारखंड के देवघर से गिरफ्तार किया था।
बिहार के बाद अब क्या है महाराष्ट्र कनेक्शन
बता दें कि नांदेड़ आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने महाराष्ट्र से संजय तुकाराम जाधव और जलील उमरखान पठान को नीट पेपर लीक मामले में संदेह के रूप में हिरासत में लिया था।
बता दें कि दोनों जिला परिषद स्कूलों में पढ़ाते थे और लातूर में एक प्राइवेट कोचिंग सेंटर भी चलाते थे। सूत्रों ने बताया कि कई घंटों की पूछताछ के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया और जरूरत पड़ने पर उन्हें दोबारा बुलाया जाएगा।
सीबीआई को सौंपी गई जांच
बता दें कि नीट और यूजीसी-नेट की दोहरी सार्वजनिक परीक्षाओं ने भारतीय शैक्षणिक और राजनीतिक जगत को हिलाकर रख दिया है। केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर अधिकारियों द्वारा पेपर लीक की जांच की जा रही है।
वहीं, शनिवार रात नीट पेपर लीक की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। यह यूजीसी-नेट अनियमितताओं की भी जांच कर रही है, जिसमें पेपर लीक होना और डार्क नेट पर बेचा जाना शामिल है।
बिहार से 6 गिरफ्तार, मेडिकल जांच शुरू
बिहार पुलिस ने पहले 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने NEET UG परीक्षा से एक रात पहले प्रश्नपत्र लीक करने की बात कबूल की थी। पुलिस अब ‘सॉल्वर गैंग’ की भूमिका की जांच कर रही है, जो छात्रों को लीक हुए परीक्षा के पेपर बेचते हैं और उम्मीदवारों के लिए परीक्षा देने के लिए प्रॉक्सी उम्मीदवार उपलब्ध कराते हैं।
5 मई को करीब 24 लाख छात्रों ने NEET UG परीक्षा दी थी, लेकिन 4 जून को नतीजे घोषित होने के बाद पेपर लीक होने और 1,500 से ज़्यादा छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के आरोप सामने आए। इसके बाद विरोध प्रदर्शन और अदालती मामले शुरू हो गए और आखिरकार सीबीआई जांच हुई।