डेली संवाद, मलोट। Punjab News: ट्रैवल एजैंटों (Travel Agent) ने बड़े-बड़े दफ्तर बनाकर भोले-भाले लोगों को विदेश भेजने के नाम पर लाखों रुपये ठगने के मामले सामने आ रहे हैं, इस मामले में पुलिस प्रसाशन खामोश होने से वहीं आई.ई.एल.टी.एस. सैंटरों की आड़ में गोरख धंधा चलाने वाले तत्वों के हौंसले बढ़ते जा रहे हैं।
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ऐसे मुद्दों पर लोगों के मन में सरकार के प्रति गुस्से की ज्वाला तेज होती जा रही है। वहीं मलोट में भारतीय किसान यूनियन खोसा के प्रदेश उपाध्यक्ष भगवंत सिंह मिड्डा और ब्लॉक अध्यक्ष बलजिंदर सिंह के नेतृत्व में युवा पीड़ित जोबनजीत सिंह और जसपाल सिंह निवासी इनाखेड़ा ने पत्रकारों को बताया कि एक साल पहले उन दोनों का मुक्तसर साहिब में एक एजैंट से संपर्क हुआ।
वर्क परमिट के नाम पर ठगे पैसे
दोनों से वर्क परमिट (Work Permit) के नाम पर न्यूजीलैंड (New Zealand) भेजने के लिए टिकट सहित 52 लाख 40 हजार रुपए ले लिए। उन्होंने कहा कि तुम्हें वीजा पर न्यूजीलैंड भेज रहा हूं 15 दिन में वहां वर्क परमिट मिल जाएगा।

लेकिन उक्त एजैंट ने उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने को कहा कि आपके वीजे में कोई समस्या है, इसलिए वह आपको थाईलैंड (Thailand) भेजता हूं, जहां से वीजा क्लियर होकर न्यूजीलैंड भेज दिया जाएगा। जोबनजीत सिंह ने बताया कि वह अपने खर्च पर 10-12 दिन थाईलैंड में रुके थे।
न्यूजीलैंड वीजे में देरी हो रही है- एजैंट
जब उन्होंने एजैंट को फोन किया तो उसने कहा कि न्यूजीलैंड वीजे में देरी हो रही है, इसलिए आपको दुबई (Dubai) जाना चाहिए। जहां से आपको न्यूजीलैंड भेज दिया जाएगा। दुबई में 40 दिनों की परेशानी और खाने-पीने का खर्च उठाने के बाद जब हमें बार-बार संपर्क करने पर लगा कि एजैंट हमारी बात नहीं सुन रहा है।
पैसे वापिस करने को कहा
तो हमारा परिवार उक्त एजैंट के घर जाने लगा जिसके बाद एजैंट ने कहा कि आप वापस आ जाओ, वग तुम्हारे पैसे वापस कर देगा। जब वे वापस आए तो उन्होंने दोनों को 12-12 लाख रुपये लौटा दिए और बाकी रकम लिखती में देने का भरोसा किया।
इस तरह उसने टाइम पास करने के लिए बहाने बनाए। जब उन्होंने मामला किसान नेताओं के सामने लाया तो एजैंट ने 3 लाख रुपये और देने और फिर बाकी रकम जनवरी में देने का वादा किया।
इस मौके पर भगवंत सिंह मिड्डा ने कहा कि युवाओं को सरेआम धोखा दिया गया है। जिस टिकट पर वह हमें न्यूजीलैंड भेजने वाला था, वह भी फर्जी निकला। उसने 1000 रुपए के प्रनोट पर किसान नेताओं की मौजूदगी में पीड़ितों से पेसै वापसी के ये सारे वादे किए, लेकिन आखिरकार उसने पैसे नहीं लौटाए।
एजैंट के घर के बाहर धरना दिया
इसलिए उन्होंने मार्च में एजैंट के घर के बाहर धरना दिया। किसान नेताओं का कहना है कि एक पुलिस अधिकारी ने इस मामले पर समझौता कराने का आश्वासन देकर धरना खत्म कराया।
किसान नेताओं का कहना है कि उन्होंने इस मामले में कार्रवाई के लिए वरिष्ठ पुलिस कप्तान से लिखित शिकायत भी की है। जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने बयान भी ले लिए हैं लेकिन कार्रवाई से टाल रहे हैं।
किसान नेताओं ने मामले में न्याय की मांग की है
किसान नेताओं और पीड़िता ने इस मामले में न्याय की मांग की है। हालांकि संबंधित पुलिस अधिकारी इस मामले में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार कर रहे हैं, फिर भी पीड़िता को न्याय के लिए कार्रवाई देरी क्यों हो रही है।
गौरतलब है कि जैसे-जैसे दूतावासों द्वारा नियम सख्त किए जा रहे हैं, वैसे-वैसे ये एजैंट मलोट सहित जिले में भोले-भाले युवाओं को स्टडी वीजा और वर्क परमिट दिलाने के नाम पर ठग रहे हैं।
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इस मामले में प्रशासन और सरकार चुप्पी साधे हुए है। ये एजैंट जो पहले जा चुके उन छात्रों के माता-पिता के लिए आसानी से उपलब्ध विस्टर वीजे हैं की फोटो लगा कर सोशल मीडिया पर यह प्रचार करते हैं कि युवाओं और अभिभावकों को इसका शिकार बनाया जा रहा है।
अगर सरकार ने इस मामले में उचित कदम नहीं उठाया तो बड़े पैमाने पर सरकार की बदनामी का रास्ता खुल सकता है।