डेली संवाद, रीवा। NEET- UG Result 2024: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के रीवा की छात्रा राजस्थान में कोटा के जवाहर नगर में रहकर NEET की तैयारी कर रही थी। 4 जून 2024 को NEET-UG का रिजल्ट बोर्ड द्वारा पेश किया गया। जिसमें लाखों बच्चो ने एग्जाम क्लियर किया।
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जिसमें कम नंबर आने के कारण परेशान होकर छात्रा ने (Kota Student Suicide Case) बिल्डिंग की 5वीं मंजिल से कूद कर जान (Kota Suicide NEET UG Results) दे दी।
छात्रा के साथ ही रहते थे मां और भाई
जवाहर नगर थाना प्रभारी हरिनारायण शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश के रीवा की बागीशा तिवारी (18) (Bagisha Tiwari suicide in Kota) कोटा के जवाहर नगर इलाके की पुखराज एलिमेंट बिल्डिंग की 5वीं मंजिल पर कमरा नं. 503 में रहती थीं। साथ में मां व भाई भी रहते थे।
रिजल्ट में अच्छे नंबर न आने के कारण काफी परेशान थी
मिली जानकारी के अनुसार, बागीशा एक साल से नीट की तैयारी कर रही थी। उसका भाई 11वीं में पढ़ता है और वो भी जेईई की तैयारी कर रहा है। रिजल्ट में अच्छे नंबर नहीं आने के कारण वो काफी परेशान थी। जिसके बाद छात्रा ने आत्महत्या कर ली।
कोटा कोचिंग की दिल दहला देने वाली तस्वीर! नीट में असफल होने पर एमपी की छात्रा बगिशा तिवारी ने नौवीं मंजिल से छलांग लगाकर खुदखुशी कर ली। #NEET_परीक्षा_परिणाम #kotacoaching #kotasuicide pic.twitter.com/uT1eNvKeGd
— Versha Singh (@Vershasingh26) June 6, 2024
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 4 जून को मेडिकल प्रवेश परीक्षा के नतीजे घोषित किए थे। जवाहर नगर पुलिस स्टेशन के सर्कल इंस्पेक्टर हरिनारायण शर्मा ने PTI को बताया कि बागीशा 5 जून को कथित तौर पर कोटा में मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग के नौवें फ्लोर से कूद गई। उन्होंने बताया कि एक महिला ने छात्रा को ऐसा करते देख हस्तक्षेप करने की कोशिश भी की लेकिन वो उसे नहीं रोक पाई।
घटना के एक घंटे बाद हुई मौत
खबर है कि बगीशा उसी बिल्डिंग के 5वें फ्लोर पर अपनी मां और भाई के साथ रह रही थी। परिवार वाले और बाकी लोग उसे तुरंत पास के एक प्राइवेट अस्पताल में लेकर गए। इलाज भी शुरू हुआ लेकिन एक घंटे बाद बागीशा की मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए महाराव भीम सिंह अस्पताल में भेजा गया है।
पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है बगीशा ने NEET-UG का एग्जाम दिया था। हालांकि छात्रा के इस कदम के पीछे की वजह अभी तक पता नहीं चली है।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोटा में छात्र की संदिग्ध आत्महत्या का ये 11वां मामला है। पिछले साल वहां कोचिंग छात्रों के सुसाइड के 26 संदिग्ध केस दर्ज किए गए थे।
मेरी राय है की…
अपने बच्चों को ऐसे एग्जाम की तैयारी करना ठीक है पर उनसे इस बात की उम्मीद रखना की एक ही बार में एग्जाम क्लियर हो जाएगा ये गलत है। अगर बच्चे से एक बार में क्लियर नहीं हो तो उस पर किसी प्रकार प्रेशर न बनाए वो पहले ही इस बात को लेकर परेशान रहते है की अब क्या होगा? ऐसे में आप लोगो के हज़ार सवालों के ज़वाब। इस सब की टेंशन में महज 14 से 18 साल तक के बच्चें बिना कुछ सोचे समझे आत्महत्या कर लेते है।
मेरी राय है की बच्चो से थोड़ा धैर्य से पेश आए। उन्हें समझाए की कोई बात नहीं अभी पहेली बार ही तो दिया अगली बार फिर कोशिश करो और अच्छे अंको से पास हो।