डेली संवाद, नई दिल्ली। Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) आज दिल्ली पहुंचे हैं। वह एनडीए की बैठक में हिस्सा लेंगे। उनके साथ बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashvi Yadav) भी एक ही फ्लाइट में दिल्ली आए हैं। इस घटना ने सोशल मीडिया पर चर्चाओं का माहौल गर्म कर दिया है। लोग इसे लेकर खूब मजे ले रहे हैं।
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की दिल्ली यात्रा का महत्व काफी बढ़ गया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नीतीश कुमार इस समय बीजेपी के लिए किंगमेकर बनकर उभरे हैं। बिहार में उनकी पार्टी ने 12 लोकसभा सीटें जीती हैं। इसके कारण बीजेपी को बहुमत पाने में मदद मिली है। लेकिन अब नीतीश कुमार की तीन प्रमुख मांगें हैं, जिन्हें पूरा करना पीएम मोदी के लिए जरूरी हो गया है। अगर उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तो दिल्ली का सिंहासन हिल सकता है।
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Nitish Kumar की 3 प्रमुख मांगें
नीतीश कुमार की पहली मांग है बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाना। बिहार की आर्थिक स्थिति को सुधारने और विकास को गति देने के लिए यह मांग काफी समय से की जा रही है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार को केंद्रीय फंड्स और अन्य संसाधनों में विशेष लाभ मिल सकता है।
दूसरी मांग है पूरे देश में जातिगत जनगणना करवाना। यह जनगणना देश की सामाजिक संरचना को समझने और विभिन्न जातियों की स्थिति को जानने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे सामाजिक और आर्थिक नीतियों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
तीसरी मांग है बिहार में एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना। इससे बिहार के छात्रों को उच्च शिक्षा के अच्छे अवसर मिल सकेंगे। बिहार में उच्च शिक्षा को लेकर की जा रही है मांग।
Nitish Kumar की ताकत
नीतीश कुमार इस समय सत्ताधारी गठबंधन के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनकी ताकत अब इतनी बढ़ गई है कि पीएम मोदी को उनकी मांगों को नजरअंदाज करना मुश्किल हो गया है। नीतीश कुमार ने बिहार में एनडीए को मजबूती दी है और अब वह बिहार के विकास के लिए हर मांग पूरी करवाने की स्थिति में हैं।

नीतीश कुमार(Nitish Kumar) और तेजस्वी यादव की एक साथ दिल्ली यात्रा ने सियासी माहौल को गर्म कर दिया है। लोग इसे राजनीतिक मोर्चे पर बड़े बदलाव के संकेत के रूप में देख रहे हैं। हालांकि, नीतीश कुमार आज पीएम मोदी के साथ एनडीए की मीटिंग में हिस्सा लेंगे, जहां उनकी मांगों पर चर्चा होगी।
राजनीतिक परिस्थिति
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद नीतीश कुमार(Nitish Kumar) की राजनीतिक स्थिति और भी मजबूत हो गई है। बिहार की जनता ने उन्हें समर्थन दिया है और अब वह अपने राज्य के विकास के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बना सकते हैं। नीतीश कुमार का दिल्ली में होना इस बात का संकेत है कि वह अपनी मांगों को लेकर गंभीर हैं और उन्हें पूरा करवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।