डेली संवाद, कनाडा। Canada News: कनाडा की अदालत में भारतीय आव्रजन एजेंट (Indian Immigration Agent) को तीन साल की सजा सुनाई है। इससे पहले जांच में ट्रैवल एजैंट (Travel Agent) ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। अब उसे तीन साल जेल की सजा काटनी होगी।
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दरअसल, वैंकूवर (Vancouver) की एक अदालत ने कॉलेज के जाली दस्तावेजों पर स्टडी वीजा लगवाकर विद्यार्थियों को कनाडा भेजने वाले धोखेबाज ट्रैवल एजेंट बृजेश मिश्रा को दोषी ठहराया है। उसके बाद सजा सुनाई गई है।
आपको बता दें कि कनाडा बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंसी (Border Security Agency) के अधिकारियों ने बताया था कि बृजेश मिश्रा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कनाडा में घुसने की कोशिश कर रहा था, जिसे कनाडा की इमिग्रेशन कंपनी ने जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में पकड़ लिया था।
वह एक एक पर्यटक वीजा पर कनाडा में घुसने की कोशिश कर रहा था, जिसकी वैधता गिरफ्तारी के समय समाप्त हो चुकी थी। इसके बाद धोखेबाज एजेंट को कनाडाई सीमा सेवा एजेंसी (सीबीएसए) के हवाले कर दिया गया था। जांच में उसके पास से छात्रों के फर्जी वीजा मिले थे।

बिहार का रहने वाला दोषी
बिहार के दरभंगा के थलवाड़ा का रहने वाले बृजेश मिश्रा स्टडी वीजा का काम करता था। मिश्रा के खिलाफ अलग-अलग थानों में मुख्य रूप से जालंधर, फरीदकोट और मलेरकोटला में 10 से ज्यादा केस दर्ज किए थे।
मिश्रा ने 2013 में ईजी-वे इमिग्रेशन कंसल्टेंसी नाम से अपनी फर्म बनाई थी। जालंधर में उसका केंद्रीय कार्यालय था, जहां से उसने कनाडा के एक कॉलेज की फर्जी ऑफर लैटर तैयार कर कई विद्यार्थियों को कनाडा भेज दिया था।
कनाडा सरकार ने दिए थे जांच के आदेश
कनाडा बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंसी ने पाया कि करीब 700 छात्र जो 2016 और 2020 के बीच बृजेश मिश्रा की फर्म के माध्यम से आए थे, उन्होंने फर्जी ऑफर लेटर के आधार पर अपना वीजा हासिल किया था।

इन सभी को तब डिपोर्ट करने का नोटिस दिया गया था। हालांकि तब कनाडा सरकार ने सारे मामले की जांच के आदेश देकर छात्र-छात्राओं को राहत दी थी।
बृजेश ने मांगी माफी
लाल रंग का जंपसूट पहने मिश्रा ने बुधवार को वैंकूवर अदालत कक्ष में खड़े होकर कनाडा के आव्रजन अपराधों के लिए माफी मांगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मिश्रा को कनाडा के आव्रजन एवं शरणार्थी संरक्षण कानून से संबंधित तीन आरोपों में दोषी पाया गया, जिनमें गलत बयानी और गलत सूचना देना शामिल है।
उसने अदालत से कहा, ‘मैं अपने किए पर शर्मिदा हूं। मैं अतीत को नहीं बदल सकता, लेकिन मैं यह सुनिश्चित कर सकता हूं कि मैं भविष्य में फिर से ऐसा न करूं।’
19 माह की सजा बाकी
क्राउन और बचाव पक्ष के वकीलों ने तीन साल की जेल की मांग की , जिस पर न्यायाधीश सहमत हुए। उन्होंने उसे तीन साल की कारावास की सजा सुनाई। बता दें, सजा उस समय से मानी जाएगी, जब से उसे हिरासत में लिया गया था। यानी साल 2023 में गिरफ्तारी के बाद अब उसकी 19 माह की सजा बची है।

एक मीडिया रिपोर्ट में मिश्रा के वकील गगन नाहल के हवाले से कहा गया, ‘बृजेश को सच में अपने किए पर पछतावा था।’ वकील ने बताया कि जांच के दौरान 12 पीड़ित सामने आए, जिनके साथ धोखाधड़ी की गई थी। अदालत कक्ष में कोई पीड़ित या उनके परिवार का सदस्य मौजूद नहीं था। संघीय क्राउन अभियोजक मौली ग्रीन ने मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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कनाडा में सजा काटने के बाद मिश्रा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीद है, जहां वह मानव तस्करी के अपराध सहित आपराधिक आरोपों का सामना कर रहा है। इस अपराध के लिए अधिकतम सजा मौत है।