डेली संवाद, जालंधर (रमेश शुक्ला सफर)। Lok Sabha Election 2024: आज सुबह करीब दस बजे का समय होगा। चाय की दुकान पर कुछ लोग बैठे चर्चा कर रहे थे। हर किसी के पास अपनी दलील थी। पंजाब से लेकर दिल्ली की राजनीति पर जैसे बहस हो रही थी। बस कैमरा और रिपोर्टर नहीं था वरना चर्चा बिना खर्चा टॉप की थी।
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इसी बीच खबरची भी पहुंच गया और सुनने लगा आम आदमी क्या कह रहा है राजनैतिक पार्टी को लेकर। कोई बीजेपी तो कोई कांग्रेसी था, आप और अकाली दल के समर्थक भी थे, ऐसा उनके बातों से लग रहा था। खैर, चाय के प्याले के साथ चर्चा में बिना बुलाए बिना जान पहचान हम भी कूद गए ताकि जान सके की जालंधर का मिजाज क्या है।
नामदेव चौक पर चाय की चुस्की
स्थान था नामदेव चौक । सड़क पर चाय की रेहड़ी पर चाय की चुस्की लेते हुए आधी सदी देख चुके व्यक्ति ने अपना नाम राम दयाल बताते हुए कहा कि मैं मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाला हूं। करीब 30 साल पहले जालंधर आया था। अब तो यहीं का होकर रह गया हूं।
राम दयाल कहने लगे देखो जी मैं तो यही समझता हूं कि देश के लिए मोदी जरूरी है वर्ना आंख दिखाने वालों की कमी नहीं है, पड़ोसी देश पाकिस्तान तो चाहता है कि भारत में अमन शांति न रहे। बात पंजाब की करें तो भले ही आम आदमी पार्टी जीतकर आई लेकिन अब तक क्या काम किया, बिजली बिल माफ करके रोजगार और विकास को झटका दे दिया है लोग भी छोटे फायदे के लिए बड़ा नुकसान कर रहे हैं।
राम ने चाहा तो मोदी पर देश दयाल होगा
राम ने चाहा तो इस बार भी मोदी पर देश दयाल होगा, उन्हें ही प्रधानमंत्री बनाना है। अभी राम दयाल की बात खत्म नहीं हुई थी कि बीच में गुरबचन सिंह बोल पड़े। कहने लगे मैं किसी पार्टी से ताल्लुक नहीं रखता लेकिन मोदी ने पंजाब के लिए क्या किया है, कौन सी इंडस्ट्री लगवा दी है, बॉर्डर से सटा पंजाब को तो उन्होंने इग्नोर ही कर दिया है, अब वोट की चाहत में आज जालंधर आ रहे हैं।
वैसे तो पंजाब की बात ही नहीं करते, इतना सुनते ही बगल में चाय पी रहे विवेक शर्मा बिना शर्माए अपने विवेक से कहते हैं कि जो भी हो अगर मोदी प्रधानमंत्री न होते तो पाकिस्तान ने पंजाब में नशा और आतंकवाद का पहले की तरह तांडव करवा रहा होता, उनके रहते ही देश तरक्की कर रहा है। मैं इस बार भी उनके पक्ष में वोट करूंगा।
डिनर कहीं तो ब्रेकफास्ट किसी और पार्टी के साथ
विवेक की बात सुनते ही मेरा विवेक जागा और मैंने भी सवाल दाग दिया तो इस बार किसे वोट करेंगे ? सवाल तो सीधा था लेकिन चाय पी रहे कुछ लोग सीधे मुझे ही देखने लग गए, एक ने कह दिया कि आप पत्रकार हो या किसी अन्य प्रकार से यह सब पूछ रहे हैं, मैंने यूं ही कह दिया कि टाइम पास के लिए पूछ रहा था, जब आप लोग चर्चा कर ही रहे थे कि मै भी शामिल हो गया आप के बीच।
इसी बीच आप के नजदीकी एक सज्जन ने नाम तो नहीं बताया लेकिन बिना नाम लिए कह दिया कि सियासत अब अपने लिए लोग करते हैं, देश के लिए नहीं। जालंधर में हर सुबह अखबारों और सोशल मीडिया पर यहीं तलाश करते हैं कि किस नेता ने नई जमीन तलाश कर ली है, हद है नेताओं की डिनर कहीं तो ब्रेकफास्ट किसी और पार्टी के साथ करते हैं।
चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री
चुनाव पर हो रही चर्चा में हिस्सा लेते चाय वाला भी बोल पड़ा, कहने लगा देखें जो भी हो चाय बेचने वाला प्रधानमंत्री बन कर देश को आगे ले गया, उत्तर प्रदेश को देखें वहां का हाल ही बदल गया लेकिन पंजाब नहीं बदला, यहां तो बदले की राजनीत चल रही है।
कांग्रेस थी या आप सभी ने क्या किया, बड़े बादल के जाते ही अकाली दल तो शून्य पर आ गई है, आप से उम्मीद थी लेकिन आप ने भी निराश किया। अब वोट के दिन हैं ऐसे में अब नोट से भी वोट मिल जाए यह भी पक्का है नहीं है।
सभी मनोरंजन ही कर रहे हैं
अभी बात चल ही रही थी कि एक ऑटो पर बीजेपी का प्रचार करते सड़क से गुजरा तो बगल में बैठे गुलजारी लाल बोले कि मेरी उमर करीब 70 साल है, पिछले 50 सालों से राजनीत देख रहा हूं लेकिन अब के दौर में जितना स्तर अब गिरा है उतना कभी नहीं।
सियासी पार्टी केवल धर्म को भुना रही हैं, मुझे कोई बता दे , जालंधर में किसने विकास करवाया है, बीजेपी और अकाली की सरकार ने विकास करवाया था वही दिख रहा है, बाकी तो सभी मनोरंजन ही कर रहे हैं, जनता दुखी और नेता सुखी होते जा रहे हैं।
चुनावी समय में नेताओं को जनता की याद आती है
जालंधर के सिविल लाइन इलाके में जनता की चर्चा को सुनते ही दिमाग ने दिल से कहा कि कोई भरोसा नहीं है अवाम का। जनता अब पहले की तरह नहीं है और न ही नेता हैं, चुनावी समय में नेताओं को जनता की याद आती है, आगे पीछे सब भूल जाते हैं।
अभी यह सोच ही रहा था कि आप का चुनाव प्रचार कर रहे टोली में कुछ लोग पहुंचे और चाय का ऑर्डर देते हुए चुनावी पोस्टर चिपकाने लगे तो चाय वाले ने मना करते हुए कहा कि यह दुकान जनता की है, हर पार्टी के लोग आते हैं आप चाय पीजिए , चर्चा कीजिए लेकिन मुझे किसी पार्टी से न जोड़े, मैं चाय बेचकर घर चलाता हूं, किसी पार्टी ने मुझे खोखा तक नहीं दिलाया, बहुत लीडर खोजा।
वोट के दिन हैं, नेता खोज रहे हैं
अब वोट के दिन हैं, नेता खोज रहे हैं पर आप नोट कर लें, नोट लेकर भी वोट नहीं पड़ने वाले, इस बार आप की हवा दो साल पहले जितनी नहीं है, कई दिग्गज कांग्रेसी तो बीजेपी में चले गए, अकाली दल का जनाधार घटा है, ऐसे में लॉटरी किसी की निकल सकती है।
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अब तो 1 जून आने वाली है, देखें किसकी जून इस बार सुधरती है, यह सब बातें सुनते हुए एक बार फिर राम दयाल ने दस रुपए का नोट चाय वाले को देते हुए कहा कि हम तो राम के नाम पर वोट करेंगे, PM तो मोदी ही बनेंगे। राम दयाल के इस बात पर बाकियों में अब चर्चा होने लगी कि मोदी अगर प्रधानमंत्री न बने तो किस चेहरे पर विपक्ष दांव लगाएगी, हालांकि इसका जवाब किसी के पास नहीं था, आप के पास है तो कमेंट में लिखना।
NOTE : इसे अन्यथा मत लेना, चुनावी चर्चा पर लिखा है, बाकी जो रब ने लिखा है वही होगा।