वरिष्ठ भाजपा नेता एवं जालंधर शहर के पूर्व मेयर सुनील ज्योति का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां आज दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली। सुनील ज्योति की तबयित उस समय बिगड़ गई थी, जब वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी जनसभाएं कर रहे थे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा आलाकमान ने सुनील ज्योति को जिला कांगड़ा के फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रभार की जिम्मेदारी सौंपी थी। इसी दौरान फतेहपुर में दिल की समस्या होने के चलते अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। फतेहपुर में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जालंधर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
साल 2012 में बने थे जालंधर के मेयर
सुनील ज्योति पूर्व विधायक केडी भंडारी के करीबी थे।। भंडारी ने ही ज्योति को मेयर बनाने के लिए लाबिंग की थी। उन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता मनोरंजन कालिया का समर्थन प्राप्त पार्षद रवि महेंद्रू को पीछे छोड़ मेयर के पद पर कब्जा किया था। सुनील ज्योति साल 2012 में जालंधर के मेयर बने थे।
ये भी पढ़ें: जालंधर में पादरी के घर से मिला 2 करोड़ कैश
तब सुनील ज्योति शहर के वार्ड नंबर-5 से जीत कर नगर निगम सदन में पहुंचे थे। उस समय प्रदेश में भाजपा और अकाली दल बादल का गठबंधन था। अकाली दल के कमलजीत सिंह भाटिया को सीनियर डिप्टी मेयर बनाया गया था। सुनील ज्योति ने अपना 5 वर्ष का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया था।