डेली संवाद, जालंधर। Ganesh Chaturthi 2022: आज से गणेश चतुर्थी का महोत्सव शुरु हो चुका है। लोग घरों में बप्पा की स्थापना करते हैं और पूरे विधि-विधान के साथ सुबह-शाम इनकी पूजा, आरती करते हैं। मंगल कार्यों के शुरूआत करते हैं। अगर आपको मनचाहा फल चाहिए तो भगवान को उनकी प्रिय चीज़ों का भोग भी लगाएं।
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हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश को सर्वप्रथम पूजनीय देवता माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। आज से गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत हो गई है। इस दिन भक्त गणेश जी को अपने घर लाते हैं।
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मान्यता है कि गणेश जी को घर लाने से सभी कष्ट, विध्न और बाधाएं दूर हो जाती है। गणेश चतुर्थी, भगवान श्री गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है। इस दौरान गणेश जी की विशेष पूजा-अर्चना होती है। पंडित अनिल शुक्ला के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर श्री गणेश के मंत्र का जाप करने से मंगल दोष दूर होता है।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष चतुर्थी 30 अगस्त 2022, 3 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगी, जो 31 अगस्त 2022, 3 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी। गणेश चतुर्थी के पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 11.05 बजे से शुरू होकर दोपहर 01.38 बजे तक रहेगा।
मंगल दोष होगा दूर
शास्त्रों के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर श्री गणेश भगवान की विधि-विधान से पूजा करने सभी कष्ट दूर होते हैं। कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति के जीवन में काफी परेशानी आती है। शादी-विवाह में भी बाधा आती है। ऐसे में अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष है, तो वह गणेश के मंगल मंत्र का जाप कर सकता है। इससे मंगल ग्रह शांत होता है और मांगलिक दोष दूर होता है।
इस मंत्र का करें जाप
कुंडली में मांगलिक दोष होने पर गणेश चतुर्थी पर ॐ भौमाय नम: और ॐ अं अंगारकाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप करने से भगवान श्रीगणेश प्रसन्न होते हैं और भक्त को आशीर्वाद देते हैं। साथ ही, इस मंत्र के जाप से मंगल ग्रह भी शांत होता है और मंगल दोष से मुक्ति मिलती है।
इस बार शुभ संयोग में आएं हैं गणेश जी, एसे करें पूजा-अर्चना
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