डेली संवाद, कपूरथला
देश में समरसता-सद्भावना की विचारधारा के प्रचार प्रसार हेतू संत समाज द्वारा 19 नवंबर से समरसता सद्भावना यात्रा शुरू की जाएगी। महान संत मीराबाई की जन्मस्थली मेड़ता राजस्थान से शुरू की जाने वाली य़ह ऐतिहासिक सांझी वालता यात्रा 24 रात्री को पहुंचेगी कपूरथला। संतो की इस सद्भावना यात्रा के स्वागत सत्कार और उनके रात्रि विश्राम आदि की व्यवस्था हेतु गण्यमान्य शहरवासियों की एक बैठक प्रांत यात्रा के सह संयोजक नरेश शर्मा के नेतृत्व में जलौखाना कार्यालय में की गई।
इसमें व्यवस्था समिति का गठन किया गया। समिति के सदस्यों को इसकी व्यवस्था के विभिन्न क्रियाकलापों की जिम्मेदारी से अवगत कराया गया। इस मौके पर नरेश शर्मा ने संतों की यात्रा पर विस्तार से चर्चा की और इसके उसके उद्देश्यों पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि आज देश में समाज के लोग जात पात ऊंच-नीच आदि के भेद भाव से एक दूसरे से अलग-थलग पढ़ते जा रहे हैं। जोकि गंभीर चिंता का विषय है। यह किसी भी हालत में राष्ट्र की एकता समरसता और सद्भवाना के लिए शुभ संकेत नहीं है।
समाज के उत्थान में अपना समग्र योगदान दे सके
इसके अभाव में आज हमारा समाज एक दूसरे के प्रति समर्पित भाव से नहीं जुड़ा हुआ है। जिसका लाभ अवसरवादी ताकते अपने अपने विस्तार कार्यक्रम हेतु उठा रहे हैं। इस गंभीर विषय के निदान हेतु संत समाज की महान विभूतियों ने जागरूकता हेतु यह यात्रा देशभर में शुरू कर रही है। ताकि हमलोग आपस में भेदभाव को छोड़कर एक सूत्र में बंध जाए।
इसी मनोभावों को समाज में प्रचारित प्रसारित करने के उद्देश्य से ही समरसता सद्भावना यात्रा शुरू की जा है। ताकि हमारा समाज फिर से एक मंच पर आए और एक शक्ति के रूप में राष्ट्र और समाज के उत्थान में अपना समग्र योगदान दे सके । विभिन्न भेदभाव के चलते बटे रहना समाज के लिए तर्कसंगत नहीं है।
सुशील सैनी ने यात्रा की विभिन्न चरणों पर रोशनी डाली
इस मौके पर 24 नवंबर की देर शाम को कपूरथला पहुंचने वाली संतो की इस सद्भवाना समरसता यात्रा के स्वागत सत्कार और उनके रात्रि विश्राम आदि की व्यवस्था हेतु एक व्यवस्था समिति का गठन किया गया। जिसमें सुभाष मकरंदी, यज्ञदत्त ऐरी, अशोक गुप्ता, बलविंदर सिंह, कपूर चंद थापर, सुरेंद्र पासी, दीपक मरवाहा, विकास बजाज, विकास शास्त्री, संजीव कुमार, राजेश पासी और अशोक सिंह भारत आदि।
इस मौके पर जालंधर विभाग के यात्रा संयोजक सुशील सैनी ने यात्रा की विभिन्न चरणों पर रोशनी डाली।
उन्होंने बताया कि यात्रा का शुभारंभ 19 नवंबर को महान संत परंपरा की निर्वाहक रही मीराबाई की जन्म स्थली मेडता राजस्थान से शुरू होगी। जोकि बीकानेर, अबोहर, फिरोजपुर, श्री आनंदपुर साहिब, पठानकोट, जालंधर, कपूरथला, भटिंडा, पटियाला, श्री खुरलगढ़ साहिब जी, लुधियाना आदि स्थानों से होते हुए 29 नवंबर को फगवाड़ा में पहुंच कर विश्राम लेगी।
इस मौके पर आयोजन समिति के प्रमुख सुभाष मकरंददी ने बताया कि 25 की सुबह शहर के धर्मसभा में संत विभूतियों द्वारा इस यात्रा और के उद्देश्य तथा समाज में समरसता सद्भावना और सौहार्द पूर्ण विचारधाराओं को बनाए रखने की क्यों जरूरत है आदि विषयों पर अपने विचार सांझा करेंगे।इसके पश्चात फिर यह यात्रा अपने अगले पड़ाव भटिंडा की ओर प्रस्थान करेगी।
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