वर्षा पंधेर, एडिटर
डेली संवाद, मेलबर्न (आस्ट्रेलिया)
भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन को ऑस्ट्रेलिया में ट्रैवल अप्रूवल मिल गया है। यानी, अब कोवैक्सिन लगवाने वाला कोई भी भारतीय वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया जा सकेगा। उसे 14 दिन क्वारैंटाइन नहीं होना पड़ेगा। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने यह फैसला कोवैक्सिन पर होने वाली WHO की बैठक के ठीक 2 दिन पहले हुआ है। 3 नवंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन की मीटिंग होने वाली है। कोवैक्सिन बनाने वाली भारत बायोटेक कंपनी को उम्मीद है कि इस बैठक में WHO उनकी वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दे देगा।
हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने वैक्सीन को अप्रूवल के लिए 19 अप्रैल को WHO को अर्जी दी थी। बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कोवैक्सिन के 2 डोज लगवाए हैं।
5 देशों ने माना भारत का सर्टिफिकेट
सोमवार को 5 और देशों ने भारत के वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता दे दी है। इन देशों में एस्टोनिया, किरगिस्तान, फिलिस्तीन, मॉरिशस और मंगोलिया शामिल है। ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय कोवैक्सिन के साथ-साथ चीनी कंपनी सिनोफॉर्म की BBIBP-CorV वैक्सीन को भी अप्रूवल दिया है। ऑस्ट्रेलिया में अब भारत और चीन दोनों ही देशों की 2-2 वैक्सीन को अप्रूवल मिल चुका है। इसमें भारत की कोवीशील्ड और कोवैक्सिन तो चीन की सिनोवेक और सिनोफॉर्म शामिल हैं।
WHO के अप्रूवल में कहां फंसा है पेंच?
कोवैक्सिन के अप्रूवल को लेकर WHO ने इससे पहले 26 अक्टूबर को बैठक की थी। इसमें भारत बायोटेक से वैक्सीन को लेकर और डेटा की मांग की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कंपनी से वैक्सीन के जोखिम और फायदे से संबंधित टेक्निकल डेटा मांगा था।
पिछली बार हुई WHO की मीटिंग में कोवैक्सिन के अप्रूवल पर कोई फैसला नहीं हो सका था। हालांकि, WHO की मेडिसिन और हेल्थ प्रोडक्ट की ADG मैरीएंजेला सिमाओ ने कहा था कि हमें भारत की वैक्सीन इंडस्ट्री पर भरोसा है। भारत बायोटेक हमें लगातार डेटा प्रोवाइड करा रही है। अब 3 नवंबर को होने वाली बैठक में इस पर फैसला लिया जा सकता है।
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