नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने दुनिया के ताकतवर देशों को भी घुटनों के बल आने पर मजबूर कर दिया है. कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए अमेरिका के दो बड़े राज्यों न्यू जर्सी और सैन फ्रांसिस्को में कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई है. अमेरिकी नागरिकों को कहा गया है कि जब बेहद जरूरी हो तभी वे घर से बाहर निकले. अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को देशवासियों से कहा कि लोग 10 से ज्यादा की संख्या में जमा न होएं।
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इधर फ्रांस ने भी अगले 15 दिनों के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकलाउन की घोषणा कर दी है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने सोमवार को कोरोना वायरस के मुद्दे पर राष्ट्र को संबोधित किया. मैक्रां ने आदेश दिया कि कोरोना का संक्रमण न बढ़े इसलिए जरूरी है कि फ्रांस के नागरिक अगले कम से कम 15 दिनों तक घर से बाहर न निकलें और जहां तक संभव हो सके अपने सामाजिक संपर्क को कम से कम कर दें. उन्होंने कहा कि सिर्फ बेहद जरूरी ट्रिप की ही अनुमति दी जाएगी और जो इस आदेश का उल्लंघन करेगा उसे दंडित किया जाएगा।
जुलाई-अगस्त तक ठीक हो सकता है कोरोना
अमेरिका कोरोना वायरस के खात्मे के लिए भले ही वैक्सीन का परीक्षण कर चुका है, लेकिन अमेरिका को भी अब लगने लगा है कि इस बीमारी पर काबू पाने में जुलाई अगस्त तक लग सकता है. व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार स्वीकार किया कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था रिसेशन के दौर में जा सकती है।
न्यू जर्सी, सैन फ्रैंसिस्को में कर्फ्यू
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए न्यू जर्सी में कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई है. न्यू जर्सी के गवर्नर ने कहा कि आज रात से गैर जरूरी दुकानें, मनोरंजन के बिजनेस रात 8 बजे के बाद निश्चित रूप से बंद कर दिए जाएं. ये आदेश 8 बजे रात से सुबह 5 बजे तक प्रभावी रहेगा।
सैन फ्रैंसिस्को प्रशासन ने भी लोगों को घरों से बाहर न निकले को कहा है. हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अभी पूरे देश को लॉक डाउन में डालने की योजना नहीं है. कभी न सोने वाला न्यूयॉर्क शहर खाली-खाली लग रहा है. नाइट क्लब, थियेटर, सिनेमा हॉल, कंर्सट बंद कर दिए गए हैं।
मैक्रां ने कोरोना संकट को दिया जंग का नाम
इधर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने कोरोना संकट को जंग का नाम दिया है. मंगलवार आधी रात से उन्होंने फ्रांस की जनता 15 दिनों तक घरों में रहने का आदेश दिया है. मैक्रां ने कहा कि लोग तभी बाहर निकल सकेंगे जब उन्हें राशन खरीदना हो, डॉक्टरों की जरूरत हो या फिर वे ऐसा काम कर रहे हों, जो घर से कर पाना संभव नहीं हो. फ्रांस में पहले ही बार, रेस्तरां, सिनेमाहॉल बंद करने के आदेश दे दिये गए है. मैक्रां ने कहा कि अभी हालात युद्ध जैसे हैं, अभी पूरी सरकार और संसद का फोकस इस महामारी से लड़ने पर होना चाहिए।
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अबतक 7000 से ज्यादा लोगों की मौत
बता दें कि कोरोना वायरस का प्रकोप अब 145 देशों में फैल चुका है. इस बीमारी से अबतक 7007 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब पौने दो लाख लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं. इटली में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या रुकने का नाम नहीं ले रही है. यहां सोमवार को भी 349 मौतें दर्ज की गईं. इस तरह इटली में मरने वालों की संख्या 2158 हो गई है. जबकि यहां पर 27,980 लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं. 3213 की संख्या के साथ मरने वालों का आंकड़ा अभी भी चीन में सबसे ज्यादा है।
स्पेन, रूस, कनाडा ने सील किए बॉर्डर
इधर स्पेन, रूस ने अपने बॉर्डर सील कर दिए हैं. जर्मनी ने भी अपने यहां प्रतिबंध लगा दिया है. कनाडा ने भी कनाडाई और अमेरिकियों को छोड़कर दुनिया भर के नागरिकों के लिए अपना बॉर्डर सील कर दिया है।