डेली संवाद, जालंधर
पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले 83 साल के बुजुर्ग सोहन सिंह गिल ने साबित कर दिया कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। गिल ने 83 की उम्र में एमए की डिग्री हासिल की है। जालंधर यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में जब उन्हें डिग्री दी गई तो वहां पर मौजूद लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट ने उनका स्वागत किया गया।
सोहन सिंह गिल होशियारपुर जिले के दाता गांव के रहने वाले हैं। गिल ने माहिलपुर के खालसा कॉलेज से स्नातक की डिग्री लेने के बाद 1957 में पढ़ाई छोड़ दी थी। उन्होंने यहां से स्नातक करने के बाद टीचिंग का कोई कोर्स किया और इसके बाद आगे की पढ़ाई नहीं की।
मन में इच्छा थी कि वह मास्टर की डिग्री भी ले लें
उन्होंने बताया कि जब वह पढ़ते थे तो उनके कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल ने सलाह दी कि वे मास्टर डिग्री ले लें तो कॉलेज में लेक्चरर बन सकते हैं। लेकिन किस्मत को कहीं और ले जाना था। वह साउथ अफ्रीकी देश केन्या चले गए थे जहां उन्हें टीचिंग की जॉब मिल गई थी। वहां से वे 1991 में भारत लौटे और तब से अब तक कई स्कूलों में पढ़ा चुके हैं। लेकिन उनके मन में इच्छा थी कि वह मास्टर की डिग्री भी ले लें।
दो साल पहले उन्हें जालंधर यूनिवर्सिटी में उन्होंने डिस्टेंस लर्निंग के लिए नामांकन कराया और एम इंग्लिश की पढ़ाई की। उन्होंने बताया कि वह जो चाह रहे हैं उसे पाना कोई उनके लिए कोई मुश्किल काम नहीं था। इच्छा शक्ति और ईश्वर की कृपा से उन्होंने एमए की डिग्री हासिल कर ली।
उन्होंने कहा अंग्रेजी बचपन से उनका फेवरेट सब्जेक्ट रहा है। केन्या में रहने दौरान उन्हें इंग्लिश में मास्टरी करने का मौका मिला। 15 अगस्त 1937 में जन्में सोहन सिंह गिल की शुरुआती शिक्षा ग्रामीण स्कूलों से हुई इसे बाद उन्होंने खालसा कॉलेज से स्नातक किया था।
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