गर्वनर ने कहा- मॉडल गाँवों के विकास में अधिक से अधिक सम्मेलन करें
डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के गवर्नर और यू.टी. चण्डीगढ़ के प्रशासक श्री वी.पी. सिंह बदनौर ने आज पंजाब की यूनिवर्सिटियों के उप-कुलपतियों के साथ मुलाकात करके उनको अपने आसपास के 5 या अधिक गाँवों का चयन करके उनको मॉडल गाँवों के तौर पर विकसित करने और यूनिवर्सिटी सामाजिक जि़म्मेदारी के हिस्से के तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में समूचे विकास को यकीनी बनाने के कार्य में ऐफलीएटड कॉलेजों का सहयोग लेने के लिए अपील की।
चंडीगढ़ में हुई इस कॉन्फ्ऱेंस के दौरान गवर्नर ने यूनिवर्सिटियों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में आते गाँवों का चयन करके इनके समूचे विकास को यकीनी बनाते हुये शहरी और ग्रामीण के बीच के अन्तर को दूर करने सम्बन्धी किये कामों की श्लाघा की। उन्होंने कहा कि इस दिशा की तरफ अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
नशों को ख़त्म करने पर ज़ोर दिया जाना चाहिए
राज्यपाल ने यूनिवर्सिटियों को जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के 100वीं वर्षगांठ, महात्मा गांधी की 150वीं जन्म वर्षगांठ और श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के मद्देनजऱ गाँवों में अलग -अलग गतिविधियां करवाने की भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा को साकार करने के लिए अपील की। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के सम्मेलन से पराली जलाने के रुझान और नशों को ख़त्म करने पर ज़ोर दिया जाना चाहिए।
भारत सरकार के प्रमुख प्रोग्रामों के लागू करने पर राज्यपाल ने कहा कि यूनिवर्सिटी कैंपसो को दूसरे के लिए इन स्कीमों का रोल मॉडल बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई प्रमुख स्कीमों में स्टार्ट-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, नौजवानों के लिए कौशल विकास प्रोग्राम, आयुषमान प्रोग्राम, एल.पी.जी. प्रोग्राम -उज्ज्वला, जन अरोग्या स्कीम, स्वस्थ्य भारत के लिए फिट इंडिया अभियान, साफ़ -सुथरे भारत के लिए स्वच्छ भारत अभियान, जल शक्ति अभियान, क्लाइमेट चेंज मिटीगेशन, सोलर ऊर्जा, इलैकट्रिक पावरड ट्रांसपोर्ट प्रोग्राम आदि शामिल हैं।
विद्यार्थियों के साथ बातचीत करने के लिए संस्थाओं का दौरा करेंगे
संगठित दौरों के लिए कैंपसों को लोगों ख़ास कर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए खुला रखा जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि उद्यम विकास प्रोग्रामों के अंतर्गत रोजग़ार केन्द्रित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए और विद्यार्थियों को नौकरियों की खोज करने की बजाय नौकरी प्रदान करने वाले बनना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चांसलर्ज़ अमिशनरीज़ नियुक्त किये जाएंगे जो बेहतर तालमेल के लिए फेकल्टी और विद्यार्थियों के साथ बातचीत करने के लिए संस्थाओं का दौरा करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि योजनाओं को बेहतर ढंग और समय पर लागू करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग और यूनिवर्सिटियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए डिप्टी कमिश्नर की अध्यक्षता अधीन जिला स्तरीय तालमेल कमेटी बनाई जानी चाहिए। कांफ्रेंस में अन्यों के अलावा यूनिवर्सिटी ग्रांटस कमिश्न के नुमायंदे श्री देव स्वरूप और प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा पंजाब श्री अनुराग वर्मा और सचिव शिक्षा यू.टी., चंडीगढ़ श्री बी.एल. शर्मा मौजूद थे।
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