डेली संवाद, जालंधर
इनोसैंट हाट्र्स ग्रुप आफ इंस्टीच्यूशंस के मैनेजमैंट विभाग द्वारा ‘स्ट्रटेजीस टू क्रैक कॉपिटेटिव एग्जामिनेशन्स’ पर एक अतिथि व्याख्यान आयोजित किया गया था। इस अवसर पर अरुण जोशी (प्रशिक्षक और कैरियर विशेषज्ञ) संसाधन व्यक्ति के रूप में उपस्थित हुए। उनका डा. शैलेश त्रिपाठी (ग्रुप डायरैक्टर, इनोसैंट हाट्र्स), दीपक पॉल प्रिंसीपल एच.एम. विभाग और डा. उपेदश खिंडा द्वारा स्वागत किया गया।
अरुण जोशी ने विभिन्न कॉपिटेटिव परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने के लिए शारीरिक दक्षता की भूमिका के साथ छात्रों के मन को प्रबुद्ध किया। उन्होंने छात्रों को बोलचाल के तरीके, मैजिक गणित के फार्मूले आदि बताते हुए वर्णमाला क्रम के माध्यम से ट्रिक्स और तकनीकों को साझा किया। उन्होंने नियोजन पर अधिक ज़ोर दिया। उन्होंने सामान्य ज्ञान को याद रखने की मूल बातें भी साझा की।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की परीक्षा आत्मविश्वास का निर्माण करती हैं और विश्लेषणात्मक कौशल को तेज़ करती हैं। उन्होंने कहा कि छात्र दृष्टिकोण विकास के सबसे महत्वपूर्ण भाग प्रतियोगी परीक्षा को सम्भालने की कला को सीखना है जो निश्चितरूप से भविष्य में कठिनाइयों पर विजय पाने में उनके काम आता है। लैक्चर के दौरान छात्रों की लॉजिकल और एनालिटिकल क्षमताओं की जांच करने के लिए क्विज सैशन आयोजित किया गया।
डा. शैलेश त्रिपाठी (ग्रुप डायरैक्टर, इनोसैंट हाट्र्स) ने गैस्ट स्पीकर का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि परीक्षा न केवल छात्रों का परीक्षण करती है बल्कि उनके ज्ञान को भी बढ़ाती है और जीवन में कड़ी मेहनत, धैर्य, रचनात्मकता और नेतृत्व जैसे आवश्यक गुण प्रदान करने में प्रतियोगी परीक्षाओं की प्रमुख भूमिका होती हैं।
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